हल्द्वानी के दमुवाढूंगा में बादल फटने से मची तबाही

saurabh pandey
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हल्द्वानी के दमुवाढूंगा क्षेत्र में सोमवार देर रात बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचा दी। रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर वन रेंज के तपोवन क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण देवखड़ी नाला उफान पर आ गया, जिससे पानी और मलबा आबादी की ओर बढ़ने लगा। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 300 से अधिक घरों में पानी और मलबा घुस गया।

सेंट थेरेसा स्कूल की दो बसों समेत दस वाहन मलबे में दब गए। राहत और बचाव कार्य के लिए प्रशासन और नगर निगम की टीमें घटनास्थल पर रात ही पहुंच गईं। नाले के रौद्र रूप को देखकर लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों की छतों पर चढ़ गए।

करीब दो घंटे की अफरा-तफरी के बाद जब नाले का बहाव कम हुआ, तो लोगों ने घरों से मलबा हटाना और पानी निकालना शुरू किया। प्रशासन ने सभी से सतर्क रहने की अपील की है।

प्रभावित क्षेत्र

दमुवाढूंगा के कृष्णा विहार समेत तीन कॉलोनियां इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। तपोवन जाने वाली सड़क के पास बहने वाला देवखड़ी नाला आबादी के बीच से गुजरते हुए वॉकवे मॉल के सामने पहुंचता है।

फतेहपुर रेंज के रेंजर केएल आर्य के अनुसार, सोमवार रात करीब आठ बजे तपोवन के ऊपर कक्ष संख्या 13 में मूसलाधार बारिश के कारण देवखड़ी नाला उफान पर आ गया। इसके चलते 300 घर जलमग्न हो गए और दो स्कूल बसों समेत दस से अधिक वाहन मलबे में दब गए।

राहत और बचाव कार्य

रात 10 बजे के बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। प्रशासन, पुलिस और नगर निगम की टीमों ने मलबा हटाने का काम प्रारंभ किया। एसडीएम परितोष वर्मा ने बताया कि घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई है।

इस आपदा ने स्थानीय लोगों और प्रशासन के सामने गंभीर चुनौतियाँ खड़ी की हैं, और इसके प्रभावों को कम करने के लिए व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है।

दमुवाढूंगा क्षेत्र में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है, जिससे 300 से अधिक घर जलमग्न हो गए और कई वाहन मलबे में दब गए। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन तबाही का सामना कर रहे लोगों के लिए स्थिति अभी भी गंभीर है। प्रशासन ने मलबा हटाने और पानी निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं, और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। प्राकृतिक आपदा के इस संकट ने स्थानीय प्रशासन की तत्परता और आपातकालीन प्रबंधन की आवश्यकता को उजागर किया है। आगे की योजना और उपाय इस घटना से होने वाले नुकसान को कम करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

Source- दैनिक जागरण  

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