स्वतंत्रता दिवस के उत्सव के दौरान पतंगबाजी ने पक्षियों के लिए संकट का रूप ले लिया है। खतरनाक मांझे की चपेट में आने से कई बेजुबानों की जिंदगी समाप्त हो गई है, जबकि कई अन्य पक्षी पंख कटने और हड्डियां टूटने के कारण उड़ने में असमर्थ हो गए हैं।
चांदनी चौक के दिगंबर जैन लाल मंदिर स्थित चैरिटेबल अस्पताल में रोजाना 50 से ज्यादा घायल पक्षी आ रहे हैं
पतंगबाजी के शौकीन लोगों की लापरवाही ने न केवल इंसानों, बल्कि बेजुबान पक्षियों की जान भी ले ली है। इसमें चाइनीज मांझा ही नहीं, बल्कि आम तेजधार वाला मांझा भी शामिल है, जो पक्षियों की जिंदगी के लिए खतरा बन गया है। चांदनी चौक के दिगंबर जैन लाल मंदिर स्थित पक्षी चैरिटेबल अस्पताल के लिए यह एक बड़ी आफत बन गई है।
मांझे की चपेट में आने से हर रोज 50 से ज्यादा घायल पक्षी अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। पिछले तीन दिनों में मांझे से करीब 160 घायल पक्षी अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जिनमें कबूतर, चील, तोते और कौवे शामिल हैं। कबूतरों की संख्या ज्यादा है, और लोग इन्हें विभिन्न इलाकों से अस्पताल लाकर इलाज करवा रहे हैं। हालांकि, इस साल पिछले साल की तुलना में घायल पक्षियों की संख्या कम थी, लेकिन अब यह धीरे-धीरे बढ़ रही है।
अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि चाइनीज मांझा ही नहीं, बल्कि साधारण धागे से भी पक्षियों के पंख कट रहे हैं। पक्षियों की नाजुक त्वचा के कारण नुकीला धागा भी उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है। अस्पताल में कहा गया है कि मुख्य सड़कों, चौराहों और बिजली के खंभों पर लटके मौत के फंदों में उलझकर पक्षी घायल हो रहे हैं।
आश्रय स्थल और उपचार
अस्पताल में सभी प्रकार के पक्षियों का उपचार किया जाता है, और घायल पक्षियों के लिए आश्रय स्थल भी बनाया गया है। यहाँ, जो पक्षी उड़ नहीं सकते, उन्हें रखा जाता है और उनके ठीक होने तक उनकी पूरी देखभाल की जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि घायल पक्षियों की बढ़ती संख्या के कारण उन्हें खाना खाने का भी समय नहीं मिल रहा है। डॉक्टर दिन-रात इन पक्षियों के इलाज में लगे हुए हैं, और उनकी मेहनत से ये बेजुबान पक्षी धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं।
डॉ. हरअवतार सिंह और डॉ. रामेश्वर यादव समेत कई डॉक्टरों की टीम अस्पताल में घायल पक्षियों के इलाज में जुटी हुई है, और उनकी पूरी कोशिश है कि इन पक्षियों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके।
source- अमर उजाला