उत्तर प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में गंगा बेसिन का जल नहाने लायक नहीं: जल गुणवत्ता की चिंताजनक स्थिति

saurabh pandey
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की हालिया रिपोर्ट ने गंगा नदी बेसिन के जल की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीपीसीबी ने 7 अगस्त को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश के 114 में से 97 स्थान जल गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इसके अलावा, बिहार के सभी 96 स्थान भी इन मानकों को पूरा नहीं कर पाए हैं।

गंगा, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियों के जल की गुणवत्ता का परीक्षण किया गया, जिसमें यह पाया गया कि गंगा नदी के अधिकांश हिस्सों का पानी नहाने लायक नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, गंगा के प्रवाह के दौरान हर दिन उसमें भारी मात्रा में विभिन्न अपशिष्ट पदार्थ छोड़े जाते हैं, जिससे उसकी सफाई की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है।

गंगा सफाई के लिए चल रही परियोजनाओं की प्रगति

गंगा की सफाई और उसकी सहायक नदियों के पुनरोद्धार के लिए सरकार ने वर्ष 2014-15 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया था। इसके तहत पांच साल की अवधि के लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। हालांकि, अब तक गंगा की सफाई में वांछित प्रगति नहीं हो पाई है। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, बायोलॉजिकल ऑक्सीजन (डीओ) और फ्रॉस्टी कोली फॉर्म के आधार पर जल गुणवत्ता में सुधार देखा गया है, लेकिन यह सुधार बहुत धीमी गति से हो रहा है।

गंगा की पूरी सफाई और पानी को मानव उपयोग के लायक बनाने में अभी भी दशकों लग सकते हैं। जल शक्ति मंत्रालय ने गंगा की सफाई के लिए 28790 करोड़ रुपये की लागत से 310 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

बिहार और बंगाल में जल गुणवत्ता की स्थिति

उत्तराखंड की चोटियों पर पानी की गुणवत्ता में सबसे ज्यादा सुधार देखा गया है, जबकि बिहार और पश्चिम बंगाल में 30% सुधार हुआ है। इसके बावजूद, पश्चिम बंगाल में ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन के अंतर्गत आने वाले सभी नौ इलाके नहाने के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते हैं।

गंगा की सफाई के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की स्थापना 12 अगस्त 2011 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत की गई थी। यह मिशन राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबीए) के अंतर्गत आता है और गंगा की सफाई के कार्यों को संचालित करता है।

गंगा की सफाई और जल गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। गंगा नदी के पानी को मानव उपयोग के लायक बनाने और उसकी सफाई के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।

Source and data – अमर उजाला

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