सूर्य की गतिविधियाँ एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 25वें सौर चक्र के तहत सूर्य की सतह पर हो रही सौर ज्वालाओं (सनस्पॉट) और विस्फोट ने पिछले 23 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह चक्र अक्टूबर 2025 तक अपने चरम पर रहेगा, जिससे सौर ज्वालाओं के साथ उत्पन्न होने वाली लपटें पिछली सदी के रिकॉर्ड भी ध्वस्त कर सकती हैं।
सौर चक्र की बढ़ती सक्रियता
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के पूर्व कार्यवाहक निदेशक और सौर वैज्ञानिक डॉ. वहाबुद्दीन के अनुसार, चालू 25वां सौर चक्र उम्मीद से कहीं अधिक सक्रिय हो गया है। सूर्य की सतह पर लगातार विस्फोट और बड़ी लपटें उठ रही हैं। 3-4 अगस्त को भी दो विस्फोट हुए, जिनमें मध्यम (एम) श्रेणी की लपटें देखी गईं। डॉ. वहाबुद्दीन ने बताया कि सनस्पॉट की संख्या 23 सालों के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है, और इस समय सूर्य की गतिविधियाँ 2001 की स्थिति जैसी हैं।
सौर तूफानों का खतरा
रॉयल ऑब्जर्वेटरी और अंतरिक्ष एजेंसी डायनेमिक ऑब्जर्वेटरी (एसडीओ) समेत कई सैटेलाइट और इलेक्ट्रिकल उपकरण इन लपटों से खतरे में हैं। शनिवार को सूर्य की सतह पर सनस्पॉट की संख्या ने यह दर्शाया कि एआर 3775 में एम-7 श्रेणी की लपटें फूटी हैं। इसके अलावा, पूर्वी दिशा में सूर्य के पीछे एक अज्ञात सनस्पॉट से एम 5.4 तीव्रता के विस्फोट हुए हैं। इस बढ़ती सक्रियता के कारण, भारतीय सौर मिशन आदित्य एल-1 और नासा के सौर मिशन को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
वैश्विक प्रभाव
सौर प्रभाव डेटा विश्लेषण केंद्र, बेल्जियम के अनुसार, जुलाई में सनस्पॉट की औसत संख्या 196.5 दर्ज की गई। यह संख्या दिसंबर 2001 की स्थिति के समान है। वर्तमान सौर चक्र दिसंबर 2019 में शुरू हुआ था और इसकी तुलना 24वें चक्र से की जा रही थी, जो अपेक्षाकृत कमजोर था। हालांकि, यह चक्र अब 20वीं सदी के शक्तिशाली चक्रों से मुकाबला कर रहा है।
पृथ्वी पर प्रभाव
सौर गतिविधियों के इस बढ़ते स्तर के कारण पिछले कुछ महीनों में दक्षिण प्रशांत, मध्य अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में ऑरोरा और भू-चुंबकीय सौर तूफान देखे गए हैं। इस सौर चक्र का चरम अक्टूबर 2025 तक सक्रिय रहने की संभावना है, और इसे ध्यान में रखते हुए दुनिया की सभी सौर वेधशालाएँ सूर्य पर निगरानी बनाए हुए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य आकाश में मौजूद उपग्रहों और धरती के इलेक्ट्रॉनिक तथा इलेक्ट्रिकल उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सौर गतिविधियों का बढ़ता स्तर पिछले 23 वर्षों में एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है, जिससे आगामी महीनों और वर्षों के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। वर्तमान 25वां सौर चक्र सूर्य की सतह पर अत्यधिक सौर ज्वालाओं और विस्फोटों के साथ सक्रिय है, और यह अक्टूबर 2025 तक अपने चरम पर रहेगा। इस चक्र की बढ़ती सक्रियता न केवल सौर प्रणाली में बल्कि पृथ्वी पर भी संभावित प्रभाव डाल सकती है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सुरक्षा और भू-चुंबकीय सौर तूफानों का खतरा।
वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष एजेंसियों को इस बढ़ती सौर सक्रियता पर सतर्क रहना होगा, ताकि उपग्रहों और अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों को नुकसान से बचाया जा सके। इसके साथ ही, इस सौर चक्र की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जाएगी ताकि वैश्विक प्रभावों का सटीक आकलन किया जा सके और उचित सुरक्षा उपायों को लागू किया जा सके।
इस बदलती सौर सक्रियता का पूरा असर भविष्य में स्पष्ट होगा, लेकिन वर्तमान में इसे ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतना और समन्वयित उपायों को लागू करना अत्यंत आवश्यक है।
Source- दैनिक जागरण