अब लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) हर मानसून की बारिश की समीक्षा करेगा। इस समीक्षा में यह देखा जाएगा कि बारिश कितनी तेज और कितनी देर तक हुई और इस दौरान विभाग की सड़कों पर कहां-कहां और कितना जलभराव हुआ। जलभराव कितने समय तक रहा और इसके क्या कारण थे, इन सभी बिंदुओं पर अध्ययन किया जाएगा। अगली बरसात में उन बिंदुओं का फिर से निरीक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट सौंपी जाएगी। अगर किसी अन्य एजेंसी की वजह से जलभराव हुआ है तो उसे भी रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। साथ ही उस विभाग के साथ बैठक कर समस्या का समाधान भी निकाला जाएगा।
यह समीक्षा रिपोर्ट दिल्ली के ड्रेनेज मास्टर प्लान पर काम कर रही टीम को भी सौंपी जाएगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि दिल्ली में अब तक जितनी बारिश हुई है, उसके आधार पर योजना तैयार की जा सके। मानसून के दौरान दिल्ली में नालों की सफाई के नाम पर खानापूरी की जाती है, जिसका कारण दिल्ली की भौगोलिक स्थिति है।
विभाग की सड़कों पर कहां और कितना जलभराव हुआ, इसका अध्ययन होगा। अगली बरसात में उन बिंदुओं का फिर से निरीक्षण किया जाएगा।
जलभराव की समस्याएँ और संभावित समाधान
हालात ऐसे हैं कि शहर के लिए अत्यधिक बारिश झेलना संभव नहीं है। ऐसे में हर बार दिल्ली जलभराव से जूझती है, यहाँ तक कि दुकानें और घर भी बारिश के पानी से भर जाते हैं। ओल्ड राजेंद्र नगर में इस साल 27 जुलाई को आईएएस की तैयारी कर रहे तीन छात्रों के बेसमेंट में डूबने की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह इलाका नगर निगम के अधीन जरूर है, लेकिन इस घटना ने सभी को चिंतित कर दिया है।
बारिश के आंकड़े
बारिश की बात करें तो जून के महीने में वर्ष 1901 के बाद तीसरी सबसे अधिक बारिश हुई है। इससे पहले 88 साल पहले वर्ष 1936 और 91 साल पहले वर्ष 1933 में भी भारी बारिश दर्ज की गई थी। दिल्ली में इस साल 28 जून को 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार इस साल जून में 30 में से नौ दिन बारिश हुई है। इस बार जून में सामान्य से 228 फीसदी अधिक बारिश हुई। महीने की औसत बारिश 74.1 मिमी होती है, जबकि इस साल औसत बारिश 243.4 मिमी रही है। इसके अलावा जुलाई में भी दो बार अत्यधिक बारिश हुई है। हालांकि इस महीने कोई रिकॉर्ड नहीं टूटा, लेकिन अत्यधिक बारिश दर्ज की गई है। बनने वाले ड्रेनेज मास्टर प्लान में इन सभी मुद्दों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि बनने वाला प्लान प्रभावी रहे।
पीडब्ल्यूडी द्वारा मानसून की बारिश की समीक्षा और जलभराव की समस्याओं का अध्ययन एक महत्वपूर्ण कदम है जो दिल्ली के बुनियादी ढांचे को सुधारने में सहायक होगा। यह समीक्षा न केवल विभाग को जलभराव के कारणों और इसके प्रभावों को समझने में मदद करेगी, बल्कि अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने और समस्या का समाधान खोजने में भी सहायक होगी। ऐतिहासिक और वर्तमान बारिश के आंकड़ों के आधार पर तैयार होने वाला ड्रेनेज मास्टर प्लान दिल्ली की जल निकासी प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा, जिससे भविष्य में जलभराव की समस्याओं से बचा जा सके। इस प्रकार, यह पहल दिल्ली के निवासियों के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
Source and data – दैनिक जागरण