मानसून के मौसम में डेंगू का प्रसार अब चिंताजनक स्तर तक पहुंच गया है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने नौ राज्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें बताया गया कि इस साल डेंगू के मरीजों की संख्या पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी अधिक है। बैठक में 18 प्रमुख नगर निगमों के आयुक्तों को भी बुलाया गया।
वृद्धि की वजह और सतर्कता की आवश्यकता
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव डॉ. अपूर्व चंद्रा ने बैठक में स्पष्ट किया कि डेंगू के मामलों की वृद्धि के मद्देनजर अब और इंतजार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मानसून के कारण हो रहे जलभराव के चलते डेंगू के लार्वा के लिए अनुकूल स्थितियाँ बन रही हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
उच्च बोझ वाले राज्यों की समीक्षा
इस बैठक का उद्देश्य देश के उन नौ राज्यों की डेंगू स्थिति की समीक्षा करना था, जो इस समय उच्च बोझ का सामना कर रहे हैं। इन राज्यों में दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
कर्नाटक और अन्य प्रभावित क्षेत्र
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र से डेंगू संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि डेंगू के मामलों की चरम स्थिति आमतौर पर अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के महीनों में देखी जाती है। हालांकि, इस साल के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई के अंत तक मामलों की संख्या पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग 50% अधिक है।
मृत्यु दर में सुधार
इस साल डेंगू से होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 1996 में मृत्यु दर 3.3% थी, जो 2023 में घटकर 0.17% हो गई है। यह सुधार चिकित्सा सुविधाओं और स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि को दर्शाता है।
अगले कदम और दिशा निर्देश
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को डेंगू के खिलाफ सतर्कता बढ़ाने और प्रभावी उपायों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि जलभराव वाले क्षेत्रों में तत्काल कार्रवाई की जाए और जनस्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
डेंगू की इस बढ़ती समस्या को देखते हुए, सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आवश्यक कदम उठाने की तैयारी में हैं।
डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि और पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी अधिक मरीजों की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य प्राधिकरणों को चिंता में डाल दिया है। मानसून के दौरान जलभराव और असामान्य मौसम की स्थिति डेंगू के प्रसार में योगदान कर रही है। केंद्र सरकार ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए नौ राज्यों के साथ उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की है, जिसमें डेंगू की स्थिति की समीक्षा की गई और उपायों पर चर्चा की गई।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्रभावित राज्यों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। हालांकि, डेंगू के मामलों में मृत्यु दर में सुधार हुआ है, लेकिन संक्रमण की बढ़ती दर चिंता का विषय बनी हुई है।
सरकार ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, ताकि डेंगू के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके और जनस्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
source and data – अमर उजाला