अमेरिका के पुगेट साउंड में शार्क की दो नई प्रजातियों की खोज, जिनमें से एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय

saurabh pandey
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अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी (ओएसयू) के शोधकर्ताओं ने अमेरिका के पुगेट साउंड में शार्क की दो नई प्रजातियों की खोज की है, जिनमें से एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय मानी गई है। इस खोज ने क्षेत्रीय पारिस्थितिकी तंत्र, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर किया है।

ब्रॉडनोज सेवेनगिल और सूपफिन शार्क की उपस्थिति

शोधकर्ताओं ने सैलिश सागर के दक्षिणी हिस्से में ब्रॉडनोज सेवेनगिल शार्क और लुप्तप्राय सूपफिन शार्क की मौजूदगी की पुष्टि की। यह खोज आर्थिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक रूप से महत्वपूर्ण है। ब्रॉडनोज सेवेनगिल शार्क, जो लगभग 10 फीट तक बढ़ सकती है, अब साउथ पुगेट साउंड में पाई गई है। यह शोध सैलिश सागर के खाद्य जाल को समझने के लिए महत्वपूर्ण है और निरंतर निगरानी की आवश्यकता को दर्शाता है।

नई खोज और सांस्कृतिक महत्व

फ्रंटियर्स इन मरीन साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, ब्रॉडनोज सेवेनगिल शार्क में दो अतिरिक्त गिल दरारें होती हैं और ये कई तरह के शिकार करती हैं। यह शार्क प्रजाति उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट से दक्षिणी अलास्का और बाजा कैलिफोर्निया तक पाई जाती है।

शोध में यह भी बताया गया कि 2022 और 2023 में, वैज्ञानिकों ने 10 दिनों के फील्ड वर्क के दौरान 9 सेवेनगिल शार्क पकड़ीं, जो उनकी पहले की सीमा से 190 मील से अधिक दूर थीं।

सूपफिन शार्क की स्थिति

सूपफिन शार्क, जो ऐतिहासिक रूप से लुप्तप्राय मानी जाती है, पर भीषण शिकार का शिकार हुआ था। 1930 से 1940 के दशक में इनका शोषण किया गया और वर्तमान में यह प्रजाति लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम के तहत संघीय संरक्षण के लिए विचाराधीन है।

पारिस्थितिकीय बदलाव और जलवायु परिवर्तन

शोधकर्ताओं ने बताया कि औद्योगिकीकरण और महत्वपूर्ण आवासों के नष्ट होने के साथ-साथ प्रजातियों की बहुतायत और संरचना में व्यापक बदलाव हुए हैं। “द ब्लॉब” नामक समुद्री लू की घटना के बाद सैलिश सागर में एन्कोवीज की उपस्थिति बढ़ी है, जो सूपफिन शार्क के लिए एक प्रमुख चारा प्रजाति है।

यह नई खोज पर्यावरणीय और पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। ब्रॉडनोज सेवेनगिल और सूपफिन शार्क की उपस्थिति सैलिश सागर के पारिस्थितिकी तंत्र में बदलावों और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को उजागर करती है। इन खोजों से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और प्रजातियों के अध्ययन में नई दिशाएँ मिल सकती हैं।

source and data- down to earth

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