पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गई है। उत्तराखंड के टिहरी में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। टिहरी के बूढ़ाकेदार के तौली गांव में बादल फटने से एक मकान ध्वस्त हो गया, जिससे मलबे में दबकर मां-बेटी की मौत हो गई।
उधर, हिमाचल प्रदेश में मनाली के पास अंजनी महादेव नाले में बाढ़ आने के कारण मनाली-लेह मार्ग सात घंटे बंद रहा। रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड हाईवे सोनप्रयाग के पास नदी की तेज धारा में बह गया, जिसके बाद तीर्थयात्रियों को सुरक्षित केदारनाथ यात्रा के लिए रवाना किया गया।
टिहरी क्षेत्र के तिनगढ़ गांव में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने 80 घरों को खाली कराया, जिनमें से 15 घर शाम को भूस्खलन के कारण तबाह हो गए। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे पर भूस्खलन के कारण 2500 यात्री फंसे रहे। बदरीनाथ हाईवे कंचनगंगा के पास 12 घंटे से अधिक समय तक बंद रहा, जबकि उत्तरकाशी गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी चार घंटे तक बाधित रहा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी जिला प्रशासन को प्रभावित गांवों को चिन्हित कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। टिहरी जिले के झाला गांव में धर्मगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से एक परिवार की झोपड़ी बह गई, जिसमें मां-बेटी लापता हो गईं।
उत्तरकाशी में भागीरथी नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया, जिससे घाट किनारे की दुकानों को खाली कराना पड़ा। गंगोत्री के निकट दिशानंद महाराज आश्रम में चार झोपड़ियां बह गईं और एक साधु को बचाया गया। हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ ने कई सड़कों को यातायात के लिए बंद कर दिया है। मौसम विभाग ने कांगड़ा और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
Source and data- दैनिक जागरण