चंडीगढ़ पीजीआई के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा किए गए एक शोध में मेथी के उपयोग से बांझपन के उपचार में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। इस अध्ययन ने पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाओं में मेथी के प्रभाव को दिखाया है।
शोध के दौरान 18 से 45 वर्ष की 208 महिलाओं को दो समूहों में बांटा गया। एक समूह को पारंपरिक उपचार दिया गया, जबकि दूसरे समूह को मेथी के अर्क से बने कैप्सूल दिए गए। तीन महीने के बाद, मेथी के उपयोग से पीसीओएस के लक्षणों में सुधार देखा गया। महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं कम हुईं और अंडाशयों में सिस्ट की संख्या में भी कमी आई। इसके अलावा, मेथी का लिपिड प्रोफाइल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा, जिससे एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में कमी आई।
यह शोध जर्नल ऑफ द अमेरिकन न्यूट्रिशन एसोसिएशन में प्रकाशित हुआ है। पीजीआई की प्रोफेसर और आईवीएफ विशेषज्ञ, शालिनी गैंडर ने बताया कि पीसीओएस के उपचार में मेथी ने आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। पीसीओएस प्रजनन आयु की लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है और इससे अवसाद, मोटापा, और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
शोध के दौरान, प्रतिभागियों को एक स्वस्थ आहार का पालन करने की भी सलाह दी गई थी। इस शोध में प्रो. शालिनी के साथ डॉ. अमरजीत सिंह, प्रदीप्ता बनर्जी, अपूर्वा गोयल, पवन कुमार, बनश्री मंडल, समुद्र पी. बनिक और देवाशीष बागची भी शामिल थे।
इस अध्ययन ने मेथी के चिकित्सीय गुणों को उजागर किया है और भविष्य में इसके और भी संभावित लाभों पर शोध की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
Source and data – अमर उजाला