न्यूयॉर्क। नासा ने अपनी चंद्रा एक्स-रे वेधशाला की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर 350 साल पुराने सुपरनोवा विस्फोटों का एक मनमोहक टाइम लैप्स वीडियो जारी किया है। यह वीडियो चंद्रा एक्स-रे वेधशाला द्वारा ली गई तस्वीरों का उपयोग करके बनाया गया है, जिसे 23 जुलाई 1999 को अंतरिक्ष में भेजा गया था। चंद्रा, दुनिया की सबसे शक्तिशाली एक्स-रे दूरबीन वेधशाला है, जिसने पिछले 25 वर्षों से अंतरिक्ष में हुई उन घटनाओं का पता लगाया है जिन्हें समय के सामान्य अर्थ में भूतकाल कहा जाता है।
सुपरनोवा विस्फोट का महत्व
सुपरनोवा विस्फोट, जिसे विलियम फॉल्कनर के शब्दों में “भूतकाल कभी खत्म नहीं होता” के रूप में समझा जा सकता है, ब्रह्मांड के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है। नासा द्वारा जारी टाइम लैप्स वीडियो में, इन विस्फोटों के बाद हुए परिवर्तनों को दर्शाया गया है, जो चंद्रा ने रिकॉर्ड किया है। यह वीडियो एक विशाल गैसीय बुलबुला और रेडियो शोर के केंद्र कैसिओपिया ए में विस्फोट के बाद हुए परिवर्तनों को दिखाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वीडियो में दिखाया गया है कि ये तारे अभी भी एक तरह से विस्फोट कर रहे हैं। इनमें से लोहा, ऑक्सीजन, कैल्शियम, और सिलिकॉन जैसे नए तत्व अभी भी अंतरिक्ष में प्रवाहित हो रहे हैं, जिससे अगली पीढ़ी के तारों का निर्माण हो सके। सुपरनोवा विस्फोटों की श्रृंखला ने पूरे ब्रह्मांडीय इतिहास में थर्मोन्यूक्लियर फाउंड्री के रूप में काम किया है, जिससे नए तत्वों का निर्माण हुआ है। इस प्रकार, ब्रह्मांड का अतीत हमारे अस्तित्व के हर रेशे में मौजूद है।
चंद्रा एक्स-रे वेधशाला द्वारा ली गई तस्वीरों से बनाया गया टाइम-लैप्स वीडियो यह दर्शाता है कि कैसे ब्रह्मांड का अतीत हमारे वर्तमान में भी जीवित है। यह न केवल खगोल विज्ञान में हमारी समझ को बढ़ाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे अतीत की घटनाएं आज भी हमारे जीवन पर प्रभाव डाल रही हैं। इस वीडियो के माध्यम से नासा ने यह सिद्ध किया है कि सही तकनीक के साथ, हम सृष्टि के आरंभ से लेकर अंत तक की घटनाओं को देख सकते हैं और उनसे सीख सकते हैं।
Source- अमर उजाला समाचार पत्र