महाराष्ट्र में फैल रहा जीका वायरस, केंद्र ने राज्यों को भी किया अलर्ट

saurabh pandey
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महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले में बढ़ती संख्या के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक के बाद जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि राज्यों को तत्काल एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण (एनसीवीबीडीसी) को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

महाराष्ट्र के पुणे में अब तक छह मरीज जीका वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इनके नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने पुष्टि की है कि मरीजों में वायरल लोड कम है, यानी वायरस के इस स्ट्रेन की आबादी में फैलने की क्षमता कम है। इस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और राज्यों से अस्पतालों में एडीज मच्छर मुक्त रखने और वेक्टर नियंत्रण गतिविधियों को तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि गर्भवती महिलाओं की जांच अनिवार्य है और जिन महिलाओं में इस संक्रमण की पुष्टि होती है, उनके भ्रूण के विकास की निगरानी की जानी चाहिए।

जीका वायरस क्या है?

जीका वायरस, जिसे जीका बुखार भी कहा जाता है, एक मच्छर द्वारा फैलने वाली एक बीमारी है। यह वायरस ए.एडीज एजिप्टी और ए.एडीज एल्बोपिक्टस नामक मच्छरों द्वारा फैलता है जो विभिन्न भागों में दुनिया में पाए जाते हैं। इस वायरस के संक्रमण से पीड़ित होने पर लोगों को आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं, जैसे कि बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, और त्वचा में लाल चकत्ते।

जीका वायरस कहां पाया जाता है?

जीका वायरस के प्रकोप को अमेरिका, कैरिबियन, अफ्रीका, और एशिया के कुछ हिस्सों में देखा गया है। इन क्षेत्रों में मच्छरों के काटने से इस बीमारी का प्रसार होता है।

क्या जीका वायरस वर्तमान में गंभीर समस्या है?

2014 से 2017 तक, अमेरिका में जीका महामारी के मामले देखे गए थे। इस समय अमेरिका में यात्रा करने वाले लोगों में इसके मामले सामान्य थे। जीका से गर्भवती महिलाओं और उनके भ्रूण के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है, क्योंकि इससे माइक्रोसेफली जैसी जन्मजात समस्याएं हो सकती हैं।

जीका वायरस एक बहुत ही गंभीर समस्या है, विशेषकर गर्भावस्था के दौरान। यदि गर्भवती महिला को जीका संक्रमण हो जाता है, तो यह वायरस उसके भ्रूण में प्रवेश करके बच्चे के मस्तिष्क के सही विकास में बाधा डाल सकता है। इसके परिणामस्वरूप, गर्भावस्था के दौरान ग्राविडी माइक्रोसेफली (जन्मजात छोटे सिर की स्थिति) और अन्य मस्तिष्क संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

माइक्रोसेफली एक गंभीर जन्मजात समस्या होती है जिसमें बच्चे का सिर असामान्य रूप से छोटा होता है और उसके मस्तिष्क का विकास समस्याग्रस्त होता है। इससे बच्चे की बुद्धि, दृष्टि, और अन्य संबंधित क्षमताएँ प्रभावित हो सकती हैं।

गर्भावस्था के दौरान जीका से बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए। वे जीका मच्छरों से बचने के लिए स्थानीय निर्देशों का पालन करें, मच्छरों से संपर्क से बचें, और यदि वे जीका संक्रमण के लक्षण अनुभव कर रही हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें

जीका वायरस के लक्षण और कारण

लक्षण:

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • जोड़ों का दर्द
  • लाल चकत्ते त्वचा पर
  • आंखों के सफेद भाग में लालिमा (नेत्रश्लेष्मलाशोथ)

कारण:

  • एक प्रकार का फ्लेविवायरस जीका संक्रमण का कारण होता है। यह वायरस एक मच्छर के काटने से मनुष्य में प्रवेश करता है।
  • गर्भवती महिलाओं के माध्यम से भ्रूण तक भी यह संक्रमण पहुंच सकता है, जिससे भ्रूण के सही विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
  • यौन संपर्क के द्वारा भी यह वायरस फैल सकता है।

सावधानियां:

यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं जहाँ जीका वायरस का खतरा है, तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

खुले शरीर को कपड़ों से ढँकें: खुले शरीर को कवर करने के लिए उचित कपड़े पहनें, जैसे लंबी बाजूबंद वाले कपड़े।

कीट विकर्षक लगाएँ: EPA-पंजीकृत कीट विकर्षक (जैसे DEET) का उपयोग करें जो मच्छरों से बचाव में मददगार हो सकता है।

खिड़कियों में जाली लगे कमरे में या मच्छरदानी के नीचे सोएँ: अगर आप जीका प्रकोप के क्षेत्र में हैं, तो रात में सोने से पहले खिड़कियों में जाली लगे कमरे में या मच्छरदानी के नीचे सोना बेहतर हो सकता है।

जीका संक्रमण से बचाव के लिए उपाय: यात्रा से लौटने के बाद, कम से कम तीन सप्ताह तक मच्छरों के काटने से बचें। इसका मतलब है कि आपको इसी अवधि तक जीका वायरस के संपर्क से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।

ये सावधानियां आपको जीका संक्रमण से बचने में मदद कर सकती हैं। यदि आपको यह समस्या संबंधित जानकारी में और विस्तार से जाननी है, तो आप अपने स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श कर सकते हैं।

जीका वायरस के बारे में अधिक जानकारी और इससे बचाव के उपाय के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह पर अमल करना आवश्यक है। यदि आपको इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

source- अमर उजाला

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