कोलकाता। वर्ष 2023 में भारत में 641 नई पशु प्रजातियों और 339 नई वृक्ष-पौधों की प्रजातियों की खोज की गई है। इस महत्वपूर्ण खोज में सबसे अधिक नई पशु प्रजातियां केरल में और सबसे अधिक वृक्ष-पौधों की प्रजातियां पश्चिम बंगाल में मिली हैं। देश में पाई जाने वाली कुल 1,04,561 पशु प्रजातियों की सूची तैयार की गई है, जो इसे ऐसा करने वाला पहला देश बनाता है। इस नई सूची में 121 श्रेणियों में वर्गीकृत विभिन्न पशु-पौधों के बारे में रोचक और विस्तृत जानकारी दी गई है।
पर्यावरण मंत्री का बयान
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रविवार को भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के 109वें स्थापना दिवस के अवसर पर यह सूची जारी की। उन्होंने साथ ही भारतीय जीव-जंतुओं की चेकलिस्ट पोर्टल भी लॉन्च किया। यादव ने कहा कि पशु प्रजातियों पर पहला व्यापक दस्तावेज देश को इस क्षेत्र में वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।
प्रमुख खोजें और आंकड़े
भारत में कछुए, सांप, छिपकली, मगरमच्छ जैसे सरीसृप और उभयचरों की श्रेणी में आने वाले जानवरों की कुल 778 प्रजातियां और उप-प्रजातियां पाई जाती हैं। 2023 में खोजी जाने वाली 641 नई प्रजातियों में से 442 प्रजातियां पहली बार खोजी गई हैं, जबकि 199 प्रजातियों के बारे में देश में कोई जानकारी नहीं थी।
उभयचर कशेरुकी श्रेणी में प्रमुख प्रजातियां
दुनिया भर में उभयचर कशेरुकी श्रेणी में आने वाले मेंढक, टोड और सैलामैंडर की 8,617 प्रजातियाँ हैं। इनमें से 454 भारत में पाई जाती हैं। इसमें सबसे ज़्यादा 411 प्रजातियाँ ऑर्डर एनुरा (मेंढक) की हैं। इसके अलावा दो ऑर्डर कॉडेटा और 41 प्रजातियाँ ऑर्डर जिम्नोफ़ियोना की हैं।

पिछले दशक में सरीसृपों की खोज
देश में सरीसृपों की नई प्रजातियों की खोज की बात करें तो पिछले दशक (2014-2023) में यह आंकड़ा 2004-2013 के दशक के मुकाबले आठ गुना बढ़ गया है। इस दशक में सरीसृपों की 208 प्रजातियाँ खोजी गईं, जिनमें छिपकलियों की 166 और सांपों की 42 प्रजातियाँ शामिल हैं। वर्ष 2020 में सरीसृप श्रेणी की अधिकतम 39 प्रजातियाँ खोजी गईं और वर्ष 2021 में 36 और प्रजातियाँ खोजी गईं।
source- अमर उजाला समाचार पत्र