देश के किसानों को जानलेवा कीटनाशकों से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक स्वदेशी कवच तैयार किया है। यह कवच सूती कपड़े से बना है और इस पर न्यूक्लियोफाइल अणु लगाए गए हैं जो कीटनाशकों के संपर्क में आने पर उन्हें निष्क्रिय करने में सक्षम हैं। इस कवच को इंस्टीट्यूट ऑफ स्टेम सेल बायोलॉजी, रीजेनरेटिव मेडिसिन (इनस्टेम), बेंगलुरु और सैपियो हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है।
किसानों के लिए वरदान साबित होगा कवच
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कवच किसानों में कीटनाशक संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम काफी हद तक कम कर सकता है। इस कवच को धोकर कम से कम एक साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। केंद्र के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने बताया कि यह किसान कवच कई तरह के कीटनाशकों से लड़ने में सक्षम है।

प्रयोगशाला परीक्षण से साबित हुई प्रभावशीलता
प्रयोगशाला में परीक्षण के दौरान इस कपड़े का चूहों पर इस्तेमाल किया गया, जिसमें पता चला कि यह न सिर्फ तंत्रिका और मांसपेशियों को नुकसान जैसे हानिकारक प्रभावों से बचा सकता है, बल्कि उन्हें मौत से भी बचा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि फसलों पर छिड़काव करते समय किसान अक्सर कीटनाशकों के संपर्क में आते हैं, जो कि उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
शोध की प्रकाशित रिपोर्ट
इस कवच के प्रभाव को जानने के लिए वैज्ञानिकों ने 10 चूहों पर एक शोध भी किया, जिसे नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ता डॉ. प्रवीण कुमार वेमुला ने बताया कि हर साल देश में करीब 30 करोड़ किसानों पर इसका असर होने का खतरा है और अभी ऐसी कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है जिससे कीटनाशकों को किसानों को नुकसान पहुंचाने से पहले ही बेअसर किया जा सके।

इस नए किसान कवच की मदद से किसानों को कीटनाशकों से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाया जा सकता है। यह कवच न केवल उनकी सेहत की सुरक्षा करेगा, बल्कि उन्हें कीटनाशकों के संपर्क में आने से होने वाली जानलेवा समस्याओं से भी बचाएगा। वैज्ञानिकों का यह प्रयास निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
सौरभ पाण्डेय
prakritiwad.com
source- अमर उजाला / परीक्षित निर्भय
