पूर्वोत्तर में बाढ़ और भूस्खलन से लोग बेहाल
पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार बारिश और भूखलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। असम में लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। हिमालयी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भूखलन के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है।राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 15 जिलों के 470 गांवों में बाढ़ से डूबे हुए हैं। अभी तक बाढ़ से 1.61 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
मंगलवार को हेमलाचोंग में बाढ़ के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। बाढ़ में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है।अधिकारियों के मुताबिक, विभिन्न बचाव केंद्रों में 40 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इन शिविरों में करीब 12,000 लोग शरण ले रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश में लगातार बारिश और भूखलन के विभिन्न हिस्सों में भी बाढ़ और भूखलन जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
इटानगर के कई स्थानों पर भूखलन हुआ, जिससे स्थानीय जीवन प्रभावित हुआ है। सिक्किम के मंगन में फंसे 158 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। पिछले तीन दिनों में यहां से 1,447 पर्यटकों को निकाला गया। सिक्किम के सांसद इंद्र हंग सुगना ने कहा कि राज्य में आपदा का स्तर बढ़ रहा है और अधिकारियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारें बाढ़ और भूखलन से निपटने के लिए लगातार काम कर रही हैं। राहत कार्यों को तेजी से किया जा रहा है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ और भूखलन से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
सरकार और प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी गई है।