केरल के बाद मध्य प्रदेश भी बजट-ऑडिट से जल संचय की ओर बढ़ा

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केरल के बाद मध्य प्रदेश भी बजट-ऑडिट से जल संचय की ओर बढ़ा

केरल के बाद मध्य प्रदेश भी बजट-ऑडिट से जल संचय की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश का खरगोन जल आवंटन प्रबंधन पानी की खपत नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा है।

कितनी पानी मिला, कितना उपयोग किया गया और कितना व्यर्थ बहा – इन सभी का बजट-ऑडिट किया जा रहा है। इस प्रयास के तहत जिले में पहले चरण में 600 गांवों को शामिल किया गया है।

इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य पानी की खपत और बचाव को मापना है। मानसून बाद लागू होने वाली इस योजना में तकनीकी का उपयोग पारंपरिक ज्ञान के साथ किया जाएगा। गांवों में जल संरक्षण और संरक्षण का स्थायी तरीका विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की कमी की समस्या का समाधान होगा।

नर्मदा घाटी और ताप्ती बेसिन के क्षेत्रों में जल संचय की स्थिति में सुधार होगा। इस बजट-ऑडिट के अनुसार, जिले की 23 लाख आबादी और 6 हजार गांवों की जल समस्या का हल निकाला जाएगा। खरगोन जिले के बड़वाड़ा गांव में सर्वे टीम ने गांव वालों से मुलाकात की और जल समस्या के बारे में जानकारी ली। इसके आधार पर जल संचय की योजना बनाई जाएगी।इस परियोजना का लक्ष्य 825 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा को संग्रहित और संरक्षित करना है।

इसके लिए तालाब, नहर, और छोटे बांधों का निर्माण किया जाएगा। अधिकारियों का बयान: परियोजना प्रभारी आकाश सिंह ने बताया कि यह सर्वे 120 जून तक पूर्ण होगा और इसके बाद आगामी मानसून में जल संचय के उपाय लागू किए जाएंगे। जल की कमी की समस्या का स्थायी समाधान पारंपरिक और तकनीकी उपायों के साथ ही संभव है।

बजट-ऑडिट जैसी योजनाएं जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। अन्य राज्यों को भी इस तरह की पहल को अपनाने की जरूरत है ताकि जल संकट से निपटा जा सके।

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