नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। जलवायु परिवर्तन न केवल अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहा है बल्कि हर महीने सैकड़ों लोगों की मौत का कारण भी बन रहा है। क्रिश्चियन एड की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह महीनों में चरम मौसमी घटनाओं से दुनियाभर में 41 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है। अनुमानित 2,500 से ज्यादा लोगों की जान गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह स्थिति और भयावह हो सकती है।
बाढ़ का प्रकोप
रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील में आई बाढ़ से 169 लोगों की मौत हुई और सात अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। दक्षिणी और पूर्वी एशिया में भी भीषण बाढ़ आई, जिसमें चीन में दो लाख से ज्यादा लोगों का विस्थापन और 3 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ। भारत समेत दक्षिण-पूर्व एशिया में मॉनसून और तूफानों के कारण 1,500 से अधिक लोगों की मौत हुई। इसके अलावा सूखे और गर्मी की लहरें भी जलवायु परिवर्तन के कारण आईं।
आबादी तक पहुंची जंगलों में लगी आग
नई दिल्ली, संवाददाता। दिल्ली में सोमवार रात को निकटवर्ती जंगलों में लगी आग से खतरा बढ़ गया है। आग इतनी तेजी से फैल रही है कि वन विभाग के अनुसार यह आबादी वाले क्षेत्रों के पास पहुंच चुकी है। इस आग से आस-पास के इलाकों में धुआं और राख फैल गई है, जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत है।
विद्युत विभाग के ट्रांसफार्मर में शार्ट सर्किट होने की वजह से यह आग फैली। दमकल विभाग को रात में सूचना मिली, जिसके बाद कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लगातार निगरानी जारी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे न केवल वन्यजीवों का नुकसान हो रहा है, बल्कि मानव जीवन पर भी खतरा बढ़ रहा है।
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।