पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक ओलंपिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है। इस खेल महाकुंभ में दुनिया भर से खिलाड़ी और दर्शक जुटेंगे, लेकिन इस भव्य आयोजन की तैयारी ने हजारों प्रवासियों की जिंदगी को प्रभावित किया है।
फ्रांस सरकार ने ओलंपिक की तैयारी के तहत पेरिस से 5,000 बेघर अप्रवासियों को निकाल दिया है। इन प्रवासियों का कहना है कि उन्हें किसी दूसरी जगह पर पुनर्स्थापित करने का वादा किया गया था, लेकिन अब वे अपरिचित सड़कों पर रहने को मजबूर हैं। पिछले एक साल में पेरिस से हजारों बेघर लोगों को निकालकर उनके आश्रयों को तोड़ दिया गया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस ओलंपिक को देश की महानता का प्रतीक बनाने का वादा किया है। लेकिन, ओलंपिक गांव को पेरिस के सबसे गरीब उपनगर सीन-सेंट-डेनिस में बनाया गया है, जहाँ हजारों लोग पहले से ही सड़क किनारे शिविरों, आश्रयों या परित्यक्त इमारतों में रह रहे हैं। पेरिस के एक वरिष्ठ अधिकारी क्रिस्टोफ़ नोएल डू पेराट के अनुसार, पिछले एक साल में शहर के आसपास की पुलिस और अदालतों ने लगभग 5,000 लोगों को बेदखल किया है।
हालांकि, फ्रांस सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि इन बेदखलों का ओलंपिक से कोई संबंध है। पेरिस और उसके आसपास लगभग दस लाख बेघर लोग हैं, जो देश के कुल बेघर लोगों का आधा हिस्सा हैं। सरकार ने पिछले साल देश भर में बेघर लोगों के लिए 10 आश्रय स्थल खोले थे, लेकिन ये कदम अपर्याप्त साबित हुए हैं।
पेरिस के बाहर ऑर्लियंस आश्रय में रह रहे निवासियों ने बताया कि उन्होंने पेरिस में अपनी नौकरी छोड़ दी थी और नए घर और सामाजिक सेवाओं की उम्मीद की थी। लेकिन जब वे यहाँ पहुँचे तो उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। उनमें से कई पेरिस लौट आए, लेकिन अब वे अवैध निवासी बन गए हैं और निर्वासन का सामना कर रहे हैं।
ओलंपिक खेलों की भव्यता के बीच, इन बेघर प्रवासियों की दर्दनाक कहानी अनकही रह जाती है। फ्रांस सरकार के लिए यह एक चुनौती है कि वह कैसे इन लोगों की मदद कर सकती है और उन्हें एक स्थायी समाधान प्रदान कर सकती है।
source- अमर उजाला