50 फीसदी भारतीय आलसी, शारीरिक श्रम से दूर: स्वास्थ्य संकट

saurabh pandey
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एक ताजा अध्ययन के अनुसार, देश में लगभग 50 फीसदी वयस्क शारीरिक रूप से निष्क्रिय हैं और जरूरी शारीरिक श्रम नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन रही है, खासकर महिलाओं के लिए, जो इस मामले में पुरुषों से भी पीछे हैं।

महिलाओं की स्थिति चिंताजनक

अध्ययन में पाया गया कि भारत में 57 फीसदी महिलाएं शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय नहीं हैं, जबकि पुरुषों में यह संख्या 42 फीसदी है। अगर यही हालात जारी रहे तो 2030 तक 60 फीसदी भारतीय मधुमेह और हृदय रोग जैसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।

द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल का अध्ययन

द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि दक्षिण एशिया में अधिकतर वयस्क व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों में पीछे हैं। वैश्विक स्तर पर भी, शारीरिक रूप से निष्क्रिय वयस्कों की संख्या में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अब 31.3 प्रतिशत हो गई है।

शारीरिक श्रम की कमी के प्रभाव

शारीरिक श्रम की कमी से अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है:

मधुमेह: 2021 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार, भारत में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित थे।

उच्च रक्तचाप: लगभग 31.5 करोड़ भारतीय उच्च रक्तचाप से ग्रस्त थे।

शोध के निष्कर्ष

शोधकर्ताओं ने 2000 से 2022 तक 197 देशों में किए गए जनसंख्या-आधारित सर्वेक्षणों का विश्लेषण किया। निष्कर्ष यह है कि शारीरिक निष्क्रियता से मधुमेह, हृदय रोग और अन्य गैर-संचारी रोगों का जोखिम बढ़ता है। अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो शारीरिक गतिविधियों में 15 प्रतिशत सुधार का वैश्विक लक्ष्य हासिल नहीं हो पाएगा।

स्थिति में सुधार के उपाय

नियमित व्यायाम: प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता या 75 मिनट तीव्र-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि जरूरी है।

स्वास्थ्य जागरूकता: लोगों को शारीरिक गतिविधियों और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए।

नीतिगत बदलाव: सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को मिलकर स्वास्थ्य नीतियों को लागू करना चाहिए जो लोगों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए प्रोत्साहित करें।

शारीरिक निष्क्रियता से स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर बोझ बढ़ रहा है और यह स्थिति स्वास्थ्य संकट को जन्म दे सकती है। हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर इस समस्या का समाधान करना होगा।

सौरभ पाण्डेय

prakritiwad.com

source- अमर उजाला समाचार पत्र

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