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इंसानों के द्वारा जंगलों की कटाई में वृद्धि
जंगलों को काटने की क्रिया इतिहास से चली आ रही है, लेकिन बीते सौ सालों में इसकी रफ्तार में वृद्धि हो गई है। प्राचीन समय में जंगल काटने का मुख्य कारण खेती और वस्तु संप्रदाय के विकास के लिए जगह की आवश्यकता थी। हालांकि, आधुनिक युग में जंगलों को काटने की प्रमुख वजह वन्य जीवों के लिए जगह कम होने के कारण है। इसके साथ ही, आधुनिक प्रौद्योगिकी के विकास ने भी इस काम को और भी सरल बना दिया है।
भारत जैसे देशों में जंगलों को काटने की रफ्तार अत्यंत गंभीर है। यहाँ की जनसंख्या और उपयोगकर्ताओं की वृद्धि के साथ ही, जंगलों की कटाई में भी वृद्धि हुई है। इससे जंगली जीवन को नुकसान हो रहा है और जंगलों के अस्तित्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जंगलों को काटने के प्रयासों के चलते जलवायु परिवर्तन और बाढ़ की समस्या में भी वृद्धि हो रही है। जंगलों की कटाई से उत्पन्न कार्बन उत्सर्जन की मात्रा बढ़ रही है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव में भी वृद्धि हो रही है।
इस समस्या का समाधान करने के लिए, सशक्त संगठनों और सरकारों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। जंगलों की संरक्षा और पुनर्स्थापना के लिए नए और सकारात्मक कदमों की आवश्यकता है ताकि हम स्वाभाविक संतुलन को बनाए रख सकें।