अध्ययन में बायोकवर: पुराने डंप साइट्स से मीथेन उत्सर्जन को नियंत्रित करने की नई प्रणाली

saurabh pandey
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हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने पुराने डंप साइट्स से मीथेन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए एक नई और स्थायी प्रणाली प्रस्तुत की है, जिसे ‘बायोकवर’ नाम दिया गया है। यह एक माइक्रोबियल मीथेन ऑक्सीकरण प्रणाली है, जो लैंडफिल (डंप साइट्स) पर मीथेन उत्सर्जन को प्रभावी ढंग से कम करने में मदद कर सकती है।

बायोकवर के विशेषताएँ:

बायोकवर एक छिद्रपूर्ण सामग्री की परत है, जिसे सीधे पुराने डंप साइट्स के ऊपर रखा जाता है। इसे परिपक्व खाद की ऑक्सीकरण परत से ढक दिया जाता है, जो मीथेनोट्रोफिक (मीथेन का उपयोग करने वाले) बैक्टीरिया को बढ़ने और एक बायोफिल्टर के रूप में कार्य करने के लिए इष्टतम स्थिति प्रदान करता है। यह प्रणाली मीथेन को CO2 में परिवर्तित करके वायुमंडल में उत्सर्जित मीथेन की मात्रा को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करती है।

संभावित उपयोग:

बायोकवर का उपयोग सड़क निर्माण, भूमि सुधार, और अन्य पर्यावरणीय अनुप्रयोगों में किया जा सकता है। इसकी उपयोगिता से पुराने डंप साइट्स की समस्या को हल करने और सतत विकास में योगदान देने की संभावना है।

चिंताएँ और जोखिम:

हालांकि बायोकवर की तकनीक में कई लाभ हैं, लेकिन इसके उपयोग के साथ कुछ चिंताएँ भी जुड़ी हुई हैं। विशेष रूप से पुराने, गहरे, और ऊंचे डंप साइट्स में बायोकवर के उपयोग से भारी धातुओं और माइक्रोप्लास्टिक्स के दूषित होने का जोखिम हो सकता है। यह चिंता उस समय बढ़ जाती है जब डंप साइट्स में लंबे समय से कचरा जमा होता है, जिससे जटिल प्रदूषण स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

बायोकवर एक नवाचारी और प्रभावी समाधान हो सकता है, जो पुराने डंप साइट्स से मीथेन उत्सर्जन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हालांकि इसके संभावित लाभों के साथ, इसके जोखिमों और चिंताओं का भी सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना आवश्यक है। इस नई प्रणाली के व्यापक उपयोग के लिए उचित शोध और निगरानी की आवश्यकता है, ताकि इसके पर्यावरणीय प्रभावों को पूरी तरह से समझा जा सके और उसे नियंत्रित किया जा सके।

source and data – vision IAS magazine

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