नई वेब सीरीज में चीतों को अफ्रीका से भारत में बसाने की कहानी

saurabh pandey
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चीतों को एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में बसाने की पहली घटना पर आधारित वेब सीरीज को मंजूरी दे दी गई है। इस वेब सीरीज में चीतों के अफ्रीकी महाद्वीप से भारत में बसाने की कठिन और प्रेरणादायक कहानी को चार भागों में प्रस्तुत किया जाएगा।

चीतों का भारत में पुनर्वास

करीब 75 साल पहले दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर चीते भारत के जंगलों से विलुप्त हो गए थे। हाल ही में, भारतीय जंगलों में चीतों की वापसी को लेकर केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 17 सितंबर 2022 को, अफ्रीकी देश नामीबिया से पहली बार चीतों को भारत लाया गया। अब, इस प्रयास की कहानी को दुनिया तक पहुंचाने के लिए केंद्र ने ‘प्रोजेक्ट चीता’ नामक वेब सीरीज के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

वेब सीरीज की विशेषताएं

‘प्रोजेक्ट चीता’ वेब सीरीज का फिल्मांकन भारतीय राष्ट्रीय उद्यान कुनो और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में किया जाएगा। यह वेब सीरीज डिस्कवरी नेटवर्क पर 170 देशों में विभिन्न भाषाओं में प्रसारित की जाएगी। वेब सीरीज में चीतों को लाने की कठिनाइयों, उनकी मौजूदा स्थिति, और भविष्य की उम्मीदों को दर्शाया जाएगा।

सहयोग और वित्तीय सहायता

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के उप महानिरीक्षक वैभव चंद्र माथुर ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वेब सीरीज के फिल्मांकन के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का अनुरोध किया। शेन फिल्म्स और प्लांटिंगा प्रोडक्शंस को भी मानक नियमों और शर्तों के अनुसार फिल्मांकन के लिए सहयोग दिया जाएगा। हालांकि, मध्य प्रदेश पर्यटन और ‘एमपी टाइगर फाउंडेशन’ द्वारा वित्तीय सहायता की संभावना को खारिज कर दिया गया है, लेकिन फिल्मांकन के लिए पूरा सहयोग प्रदान किया जाएगा।

चीतों की वर्तमान स्थिति

अब तक, अफ्रीका से 20 चीते भारत लाए जा चुके हैं, जिनमें से आठ नामीबिया से और 12 दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। भारत आने के बाद, आठ वयस्क चीतों की मृत्यु हो चुकी है, जिनमें तीन मादा चीते शामिल हैं। हालांकि, 17 शावकों का जन्म हुआ है, जिनमें से 12 जीवित हैं। भारत ने साल के अंत तक दक्षिण अफ्रीका से और अधिक चीतों को लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

‘प्रोजेक्ट चीता’ वेब सीरीज, चीतों की अफ्रीका से भारत में वापसी की ऐतिहासिक घटना को वैश्विक स्तर पर उजागर करेगी। यह सीरीज भारतीय जंगलों में चीतों के पुनर्वास की कठिनाइयों, संघर्ष और सफलता की कहानी को चार भागों में दर्शाएगी। भारतीय राष्ट्रीय उद्यानों में चीतों के सफल पुनर्वास की प्रक्रिया और उनकी मौजूदा स्थिति की जानकारी देने के लिए, यह वेब सीरीज डिस्कवरी नेटवर्क पर 170 देशों में विभिन्न भाषाओं में प्रसारित की जाएगी।

इस पहल के माध्यम से, भारत ने विश्व को यह संदेश दिया है कि संरक्षण और पुनर्वास के लिए गंभीर प्रयास किए जा सकते हैं। हालांकि, चुनौतियां अभी भी मौजूद हैं, लेकिन यह परियोजना चीतों की सुरक्षा और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत की जैव विविधता को पुनर्जीवित करने की इस दिशा में उठाए गए कदम, विश्व स्तर पर प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति हमारे प्यार और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं।

Source- दैनिक जागरण

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