उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसमें कार्बन फाइनेंसिंग के माध्यम से उनकी आय बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इस पहल के तहत, किसानों को पेड़ लगाने पर कार्बन क्रेडिट प्राप्त होगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। यह योजना केंद्र सरकार के 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने के प्रयास का हिस्सा है।
इस योजना के तहत, किसानों को तेजी से बढ़ने वाले पेड़ जैसे पॉपुलर, मिलिया, दुबिया और सेमल लगाने होंगे। प्रत्येक कार्बन क्रेडिट की कीमत हर पांचवें साल 6 अमेरिकी डॉलर होगी, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कार्बन क्रेडिट की प्रक्रिया और लाभ
कार्बन फाइनेंसिंग एक वित्तीय प्रणाली है जो कार्बन उत्सर्जन को मौद्रिक मूल्य प्रदान करती है। कार्बन क्रेडिट एक प्रकार का व्यापार योग्य परमिट है, जो एक टन कार्बन डाइऑक्साइड या अन्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन की अनुमति देता है। किसानों के लिए, यह उनके द्वारा लगाए गए पेड़ों के माध्यम से उत्सर्जन कम करने का एक तरीका है, जिससे वे वित्तीय लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
फेज-1 में 25,140 किसानों को मिलेगा लाभ
पहले चरण में उत्तर प्रदेश के छह मंडलों के किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, लखनऊ और मेरठ मंडलों के किसानों को इस योजना के तहत कार्बन क्रेडिट मिलेगा। इस प्रक्रिया में ‘टेरी’ और ‘वीएनवी एडवाइजरी सर्विस’ का सहयोग लिया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत, 2024 से 2026 के बीच, गोरखपुर के 2,406 किसानों को 34.66 करोड़ रुपये, बरेली के 4,500 किसानों को 24.84 करोड़ रुपये, लखनऊ के 2,512 किसानों को 21.26 करोड़ रुपये, मेरठ के 3,754 किसानों को 21.67 करोड़ रुपये, मुरादाबाद के 4,697 किसानों को 38.05 करोड़ रुपये और सहारनपुर के 7,271 किसानों को 61.52 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी। कुल मिलाकर, 25,140 किसानों को राज्य सरकार की ओर से 202 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने इस पहल की अधिक से अधिक जानकारी फैलाने की अपील की है और किसानों से आग्रह किया है कि वे कार्बन क्रेडिट के लाभ के बारे में अन्य किसानों को भी सूचित करें।
कार्बन फाइनेंस, या कार्बन वित्त, पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए वित्तीय साधनों और रणनीतियों का उपयोग करने की प्रक्रिया है जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर केंद्रित होती है। इसमें मुख्य रूप से कार्बन क्रेडिट्स, कार्बन ट्रेडिंग, और अन्य वित्तीय उपकरण शामिल होते हैं जो कंपनियों और सरकारों को उनके कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करते हैं।
कार्बन फाइनेंस का उद्देश्य निम्नलिखित है:
- कार्बन क्रेडिट्स और ट्रेडिंग: कंपनियाँ या देश अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन क्रेडिट्स खरीद सकते हैं या बेच सकते हैं। एक कार्बन क्रेडिट 1 टन CO2 के उत्सर्जन को कम करने का प्रमाण होता है।
- हरित बांड्स: ये विशेष बांड्स होते हैं जो पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए पूंजी जुटाने के लिए जारी किए जाते हैं।
- स्थिरता और ESG निवेश: कंपनियाँ और निवेशक पर्यावरणीय, सामाजिक, और शासन (ESG) मानकों को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जा सके।
कार्बन फाइनेंस का उद्देश्य केवल वित्तीय लाभ प्राप्त करना नहीं है, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रभावी उपाय करना भी है।
Source and data –अमर उजाला