कीटनाशकों के संपर्क में आने से गर्भ में शिशु की मौत का खतरा बढ़ सकता है: अध्ययन

saurabh pandey
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नए शोध ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि कीटनाशकों के संपर्क में आने से गर्भावस्था के दौरान शिशु की मौत का खतरा बढ़ सकता है। मेल एंड एनिड जुकरमैन कॉलेज ऑफ पब्लिक हेल्थ और साउथवेस्ट एनवायरनमेंटल हेल्थ साइंसेज सेंटर द्वारा किए गए इस अध्ययन में 27 विभिन्न कीटनाशकों पर शोध किया गया। अध्ययन से पता चला कि गर्भवती होने से पहले और गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान कीटनाशकों के उपयोग वाले क्षेत्रों के 0.3 मील के दायरे में रहने से मृत शिशु के जन्म का खतरा बढ़ सकता है।

अध्ययन की मुख्य बातें:

  • कीटनाशक और मृत जन्म: अध्ययन में ऑर्गनोफॉस्फेट जैसे कीटनाशक, जो गर्भावस्था की पहली तिमाही और 90-दिन की पूर्वधारणा अवधि के दौरान मृत शिशु के जन्म से जुड़े हुए पाए गए।
  • शोध के आंकड़े: 2006 और 2020 के बीच, एरिजोना में 1,237,750 नवजात और 2,290 मृत शिशु पैदा हुए। अध्ययन में कीटनाशकों के संपर्क से मृत जन्म के बढ़ते जोखिम की पुष्टि की गई।
  • कीटनाशक वर्ग: विशिष्ट कीटनाशक जैसे साइफ्लूथ्रिन, जीटा-साइपरमेथ्रिन, मैलाथियान, कार्बेरिल, और प्रोपामोकार्ब हाइड्रोक्लोराइड गर्भाधान से पहले मृत जन्मों के साथ जुड़े हुए हैं।
  • वायुमार्ग: कीटनाशकों के संपर्क से गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परिवर्तनों, जैसे चयापचय में वृद्धि, हार्मोन के स्तर में परिवर्तन और प्रतिरक्षा प्रणाली में बदलाव हो सकते हैं।

विशेषज्ञों की टिप्पणियाँ:

पालोमा बीमर, जो ज़ुकरमैन कॉलेज ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर हैं, ने कहा, “कीटनाशकों के संपर्क में आने से गर्भाधान से 90 दिनों के भीतर साइफ्लूथ्रिन जैसे रसायनों का प्रभाव मृत जन्म के जोखिम को दोगुना कर सकता है। यह अध्ययन कीटनाशकों के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।”

अध्ययन के मुख्य बिंदु:

अध्ययन में यह पाया गया कि गर्भवती होने से पहले और गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान कीटनाशकों के उपयोग वाले क्षेत्रों से 0.3 मील (500 मीटर) की दूरी पर रहने से मृत शिशु के जन्म का खतरा बढ़ सकता है।

विशेष रूप से, ऑर्गनोफॉस्फेट वर्ग के कीटनाशक, जैसे साइफ्लूथ्रिन, जीटा-साइपरमेथ्रिन, और कार्बामेट कीटनाशक, गर्भाधान से पहले और पहली तिमाही में मृत जन्म से जुड़े हुए हैं।

अध्ययन की पृष्ठभूमि:

यह शोध मेल एंड एनिड जुकरमैन कॉलेज ऑफ पब्लिक हेल्थ और साउथवेस्ट एनवायरनमेंटल हेल्थ साइंसेज सेंटर द्वारा किया गया था। इसमें 2006 और 2020 के बीच एरिजोना में 1,237,750 नवजात शिशुओं और 2,290 मृत शिशुओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।

अध्ययन में यह भी पाया गया कि गर्भावस्था से 90 दिन पहले और पहली तिमाही के दौरान कीटनाशकों के संपर्क से मृत जन्म का जोखिम दोगुना हो सकता है।

कीटनाशकों का प्रभाव:

कीटनाशकों के संपर्क में आने से गर्भवती महिलाओं में हार्मोन के स्तर में परिवर्तन, चयापचय में वृद्धि, और प्रतिरक्षा प्रणाली में बदलाव हो सकते हैं, जिससे भ्रूण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

तेजी से विकसित हो रहे भ्रूण कीटनाशकों के विषाक्त प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।

शोध की आवश्यकता:

यह अध्ययन कीटनाशकों के प्रभाव पर और अधिक शोध की आवश्यकता को रेखांकित करता है। विशेष रसायनों के प्रभावों का विश्लेषण करना और उनके स्वास्थ्य पर प्रभावों की पहचान करना आवश्यक है।

अन्य प्रमुख निष्कर्ष:

  • विज्ञान और प्रभाव: विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स की तुलना के अनुसार, चंद्रमा की गति जैसे भौगोलिक परिवर्तन पृथ्वी के घूमने की गति को प्रभावित करते हैं, लेकिन कीटनाशकों के प्रभाव के मामले में भी सावधानी बरतनी चाहिए।
  • भविष्य की दिशा: अध्ययन ने मातृ और भ्रूण के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए रणनीति विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। विशिष्ट रासायनिक यौगिकों के प्रभाव पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

इस अध्ययन के निष्कर्ष अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित किए गए हैं और यह कीटनाशकों के स्वास्थ्य पर संभावित दीर्घकालिक प्रभावों की ओर इशारा करता है। यह शोध विशेष रूप से उन क्षेत्रों में चिंता का विषय है जहां कीटनाशकों का उपयोग प्रचलित है और यह भविष्य में नीति निर्माताओं के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकता है।

Source – दैनिक जागरण

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