Latest कवितायेँ News
बस-ट्रेन ही नहीं
बस-ट्रेन ही नहींयहाँ धर्म स्थलऔर नदियाँओवर लोड हो रही हैभीड़ के दबाव…
अलमारी में पेड़ों की लाश भरी है।
अलमारी में पेड़ों की लाश भरी है।बिस्तर ,दरवाजे ,खिड़कियों,पर्दों, कपड़े, जूतेसब इन…
मैं स्त्री हूँ
मैं स्त्री हूँमुझे ऐसे ही जानोपृथ्वी और मेरी तुलना नही है प्रगति…