बंगाल तट पर भयंकर चक्रवाती तूफान रेमल का प्रहार, भारी बारिश, 135 किमी की रफ्तार से हवाएँ, वायु और रेल सेवाएं भी प्रभावित
कोलकाता/ढाका। बंगाल की खाड़ी में बने भयंकर चक्रवाती तूफान रेमल ने रविवार रात पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेउपाड़ा के बीच तट को प्रभावित किया। इस दौरान, हवाओं की गति 135 किमी प्रति घंटा रही। रेमल का लैंडफॉल प्रक्रिया अगले चार घंटे तक जारी रही। इसके कारण बंगाल और पड़ोसी देश के तटीय क्षेत्रों सहित कई जिलों में भारी बारिश हुई और तेज हवाओं के कारण कई क्षेत्रों में पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। यह प्री-मानसून मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है।
मौसम विभाग ने कहा कि जब रेमल तट से टकराया, तो समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठीं। चक्रवात के आगमन के साथ ही बंगाल और उत्तर ओडिशा, असम और मेघालय के कई जिलों में भारी बारिश शुरू हो गई। वहीं, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रभाव
तूफान के कारण कोलकाता स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानों का संचालन रविवार को दोपहर 12 बजे से सोमवार सुबह 9 बजे तक 21 घंटे के लिए रोक दिया गया। इससे 394 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हुईं। इसी के साथ, श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट और कई जिलों में ट्रेन संचालन भी घंटों तक रुका रहा। शालीमार स्टेशन पर तूफान के दौरान ट्रेन को फिसलने से रोकने के लिए एक रेलवे कर्मचारी चेन बांध रहा था।
प्रधानमंत्री ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के दिए निर्देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम को चक्रवात रेमल की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की। उन्होंने अधिकारियों से चक्रवात के प्रभाव और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारियों के बारे में जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। चक्रवात के कारण समुद्र में 1.5 मीटर तक ऊंची लहरें देखी गईं। 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओं ने जनजीवन को प्रभावित किया। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ की 16-16 टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, हावड़ा, पारादीप, गोपालपुर और फ्रेजरगंज में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, नौसेना और कोस्ट गार्ड की नौ टीमों को तैनात किया गया है। बंगाल में 1.75 लाख लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे, पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार दोपहर 3 बजे तक तटीय और संवेदनशील क्षेत्रों से लगभग 1.75 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके अलावा, सरकार ने 5.40 लाख तिरपाल वितरित किए हैं। पर्याप्त मात्रा में सूखे खाद्य पैकेट और पानी के पैकेट संग्रहीत किए गए हैं।