दिल्ली में इस समय मौसम और वायु गुणवत्ता दोनों ही चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। सोमवार से मंगलवार तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी रही, और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ। सोमवार को AQI 349 था, जो मंगलवार को 343 पर पहुंच गया, लेकिन यह सुधार अत्यंत मामूली था और अगले तीन दिनों तक इसे बहुत खराब श्रेणी में रहने की संभावना है।
स्मॉग और धीमी हवाओं का असर
दिल्ली के कई इलाकों में सुबह के समय स्मॉग का दृश्य देखने को मिला, जिससे प्रदूषण की स्थिति और गंभीर हो गई। दिन के दौरान हवा की गति में कुछ सुधार हुआ और यह 8 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंची, लेकिन शाम होते-होते यह फिर से 4 किलोमीटर प्रति घंटे तक सीमित हो गई, जिससे प्रदूषण में वृद्धि हो गई। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार की उम्मीदें धूमिल हो गईं।
वायु गुणवत्ता पर मौसम का प्रभाव
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस स्थिति का कारण हवा की धीमी गति और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियाँ हैं। आईआईटीएम (भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान) के मुताबिक, मंगलवार सुबह उत्तर-पश्चिमी दिशा से हवाओं में थोड़ी तेजी आने की संभावना थी, लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर उच्च ही बना रहा। हवा की गति की कमी के कारण प्रदूषक तत्वों का सही तरीके से प्रसार नहीं हो पा रहा, और इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक में कोई गंभीर सुधार नहीं हो पाया।
वाहन प्रदूषण की बढ़ती भूमिका
आईआईटीएम के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली की हवा में प्रदूषण का प्रमुख कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं था, जो प्रमुख रूप से प्रदूषण का जिम्मेदार था। वाहनों से होने वाला प्रदूषण शहर की वायु गुणवत्ता को और खराब कर रहा है, खासकर जब हवा की गति धीमी हो और मिक्सिंग हाइट तथा वेंटिलेशन इंडेक्स प्रतिकूल हो।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता इस समय बेहद खराब स्थिति में है और अगले कुछ दिनों तक इसमें सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। यदि मौसम और हवा की स्थिति में बदलाव नहीं होता है, तो प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिए सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर और गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है।