हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। लंबे समय से प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के लिए मक्का (मक्की) की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिससे किसानों का उत्साह बढ़ेगा। पिछले वर्षों में, उचित बाजार की अनुपलब्धता के कारण कई किसान इस खेती से निराश हो रहे थे।
प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन
प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती के तहत उत्पादित मक्की के लिए 30 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित किया है, जो कि देश में सबसे अधिक है। यह फैसला किसानों को उनके मेहनत के उचित मूल्य दिलाने में मदद करेगा। कृषि विभाग ने इस खरीद प्रक्रिया के लिए 25 सेंटर स्थापित किए हैं, जहां से किसान अपनी मक्का बेच सकेंगे।
किसानों के लिए नई उम्मीद
प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में, हिमाचल प्रदेश में लगभग 1,92,000 किसान प्राकृतिक खेती को अपना चुके हैं, जिनमें से 1,45,000 किसानों का प्रमाणीकरण किया गया है। इन प्रमाणीकृत किसानों से 30 रुपये प्रति किलो की दर से मक्की की खरीद की जाएगी।
इसके अलावा, हर किसान से अधिकतम 20 क्विंटल मक्की खरीदने की योजना बनाई गई है। मक्की की बिक्री से प्राप्त आय से किसानों को आर्थिक लाभ होगा, और प्रदेश सरकार इसे “हिम मक्की आटा” ब्रांड के नाम से बाजार में पेश करेगी।
नई योजनाओं का आगाज
इस पहल के अलावा, प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक स्टार्टअप योजना भी शुरू करने जा रही है। यह योजना किसानों को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगी। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक हेमिस नेगी ने कहा कि यह प्रयास प्राकृतिक खेती को अधिक आकर्षक बनाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि मक्की की खरीद के बाद, आने वाले सीजन में गेहूं की खरीद भी 40 रुपये प्रति किलो की दर से की जाएगी। इससे प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को बेहतर लाभ मिलेगा।
सरकारी समर्थन और योजनाएँ
सरकार ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को भारतीय नस्ल की गाय खरीदने पर 25,000 रुपये तक की सब्सिडी देने की योजना बनाई है। इसके अलावा, किसानों को निशुल्क प्रशिक्षण, प्रमाणीकरण, और प्राकृतिक खेती आदानों के लिए ड्रम और गौशाला के फर्श को पक्का करने के लिए 8,000 रुपये तक का अनुदान भी प्रदान किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगा, बल्कि किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाएगा। मक्का की खरीद के साथ-साथ अन्य फसलों के लिए समर्थन मूल्य बढ़ाने की योजनाएँ, किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई हैं। उम्मीद की जा रही है कि इन प्रयासों से प्रदेश में प्राकृतिक खेती का दायरा और बढ़ेगा, और अधिक से अधिक किसान इसके लाभों का अनुभव कर सकेंगे।