देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति लगातार बदलती जा रही है। राजधानी दिल्ली और उसके पड़ोसी शहर फरीदाबाद में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है, जबकि सिवान में सबसे खराब स्थिति दर्ज की गई है।
दिल्ली और फरीदाबाद में प्रदूषण का बढ़ता स्तर
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आठ अंकों की वृद्धि के साथ 99 पर पहुंच गया है। हालांकि, यह अभी भी संतोषजनक स्थिति में है। फरीदाबाद में भी 20 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे वहां का AQI 95 हो गया है।
सिवान: सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर
सिवान की स्थिति देश में सबसे खराब रही, जहां AQI 220 दर्ज किया गया। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सिवान की हवा स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इसके अलावा, चेंगलपट्टू, ग्रेटर नोएडा, बद्दी, बरेली, मंडी गोबिंदगढ़, खुर्जा, जलना, नोएडा और मांडीखेड़ा जैसे शहर भी देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।
सबसे स्वच्छ हवा वाले शहर
आइजोल और दावनगेरे की हवा सबसे साफ रही, जहां AQI 19 दर्ज किया गया। सिवान की तुलना में इन शहरों की हवा 11 गुना बेहतर रही। देश के 104 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया, जिनमें देहरादून, धारवाड़, धुले, गुवाहाटी, हल्दिया, इंदौर, जयपुर, जैसलमेर, कोलकाता आदि शामिल थे।
संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहर
दिल्ली और फरीदाबाद के साथ-साथ देश के 115 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इनमें गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरुग्राम, हापुड़, जबलपुर, जयपुर, जोधपुर, कानपुर, कोटा, लखनऊ, मुरादाबाद, नागपुर, नवी मुंबई, पाली आदि शहर शामिल हैं।
मध्यम स्तर की वायु गुणवत्ता वाले शहर
देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है, जिनमें बद्दी, बरेली, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, श्रीगंगानगर आदि शामिल हैं।
कुल मिलाकर, देश के 44% से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है, जबकि लगभग 48.3% शहरों में संतोषजनक स्थिति है। लेकिन सिवान जैसे शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है, जो चिंता का विषय है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।
देश में वायु गुणवत्ता की स्थिति तेजी से बदल रही है, जहां कई शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। दिल्ली और फरीदाबाद जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता में गिरावट देखी गई है, जबकि सिवान में स्थिति बेहद चिंताजनक है। दूसरी ओर, आइजोल और दावनगेरे जैसे शहरों में हवा की गुणवत्ता काफी बेहतर है।
देश के अधिकतर शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है, लेकिन कुछ शहरों में प्रदूषण का उच्च स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि सभी शहरों में हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सके और एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
Source- down to earth