स्ट्रीट लाइट कीड़ों के भोजन को प्रभावित कर रही: अध्ययन

saurabh pandey
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हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि रातभर जलने वाली स्ट्रीट लाइटें कीड़ों के भोजन के स्रोत को प्रभावित कर रही हैं। इस अध्ययन में बताया गया है कि कृत्रिम रोशनी के कारण पेड़ों की पत्तियां सख्त हो रही हैं, जिससे कीड़े उन्हें खा नहीं पा रहे हैं और इसके चलते कई कीट प्रजातियाँ खतरे में हैं।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं ने स्ट्रीट लाइटों के प्रभाव को समझने के लिए एक विस्तृत अध्ययन किया। इसमें करीब 5500 पत्तियों का परीक्षण किया गया। शोध में पाया गया कि कृत्रिम रोशनी से रात की चमक में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप, पेड़ों की पत्तियों की बनावट में परिवर्तन आया है, जिससे वे कीड़ों के लिए कम आकर्षक हो गई हैं।

पेड़ों की पत्तियों की सख्ती का प्रभाव

शोधकर्ताओं ने पाया कि स्ट्रीट लाइटों की वजह से पगोडा और हरे राख के पेड़ों की पत्तियां सख्त हो जाती हैं। ये पेड़ कीड़ों के भोजन के लिए लोकप्रिय हैं, लेकिन सख्त पत्तियों के कारण कीड़े उन्हें खा नहीं पा रहे हैं। इससे कीड़ों की आबादी में कमी आ सकती है और यह खाद्य श्रृंखला और पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव

डॉ. शुआंग झांग, जो इस अध्ययन के प्रमुख लेखक हैं, ने बताया कि भोजन की कमी से कीटों की आबादी में गिरावट आ सकती है, जिससे शिकारी कीटों की संख्या में वृद्धि होगी। यह पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है और मानव गतिविधियों पर भी प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, पौधों के प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में विघ्न उत्पन्न हो सकता है, जिससे पौधों की वृद्धि और जीवन की पारिस्थितिकी पर प्रभाव पड़ सकता है।

अध्ययन का महत्व

यह अध्ययन फ्रंटियर्स इंप्लांट साइंस में प्रकाशित हुआ है और यह कृत्रिम प्रकाश के पर्यावरणीय प्रभावों को समझने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। शोधकर्ताओं ने 30 स्थानों से नमूने एकत्र किए और विभिन्न पर्यावरणीय कारकों की माप की, जिससे यह पता चला कि कृत्रिम रोशनी पौधों और कीटों के बीच के संबंध को कैसे प्रभावित कर रही है।

स्ट्रीट लाइटों के प्रभाव से कीटों की खाद्य श्रृंखला पर पड़ने वाले प्रभावों को समझना और उचित उपाय करना आवश्यक है। इस अध्ययन ने यह स्पष्ट किया है कि कृत्रिम रोशनी के पर्यावरणीय प्रभावों को नियंत्रित करना और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

Source – हिंदुस्तान समाचार पत्र

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