मौसम विभाग ने विभिन्न राज्यों में भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया है, जिसमें जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। आज इन क्षेत्रों में जमकर बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया कि मॉनसून ट्रफ सक्रिय है और समुद्र तल पर सामान्य स्थिति से दक्षिण में बनी हुई है। उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्व राजस्थान पर बने गहरे दबाव के अगले 24 घंटों में कमजोर पड़ने का पूर्वानुमान है।
आज पश्चिमी राजस्थान, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, असम और मेघालय, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। इन राज्यों में 12 सेमी (120 मिमी) या उससे अधिक बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बिहार, झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में मछली पकड़ने और व्यापारिक गतिविधियों के लिए न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि तूफानी हवाओं की गति 35 से 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।
पुणे में भारी बारिश के कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, और 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।
कल, 4 अगस्त को कोंकण और गोवा के माथेरान में 29 सेमी बारिश दर्ज की गई, जबकि मध्य महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश हुई। बिहारपुर, वंसदा, और चेरापूंजी में 10 सेमी या उससे अधिक बारिश हुई।
मौसम विभाग की सलाह के अनुसार, सभी नागरिकों को वर्तमान मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए और मौसम अपडेट के लिए सतर्क रहना चाहिए।
मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए भारी बारिश के अलर्ट ने कई राज्यों में गंभीर जलवायु स्थितियों की ओर इशारा किया है। गोवा के माथेरान में 29 सेमी बारिश के साथ कई इलाकों में बाढ़ और जलमग्न होने की खबरें आई हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और अन्य प्रभावित राज्यों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। तूफानी हवाओं की गति में वृद्धि की संभावना और मछुआरों के लिए चेतावनियों के साथ, यह समय सतर्कता और तैयार रहने का है। नागरिकों को मौजूदा मौसम स्थितियों पर ध्यान देते हुए सुरक्षित रहने और मौसम विभाग की सलाह का पालन करने की आवश्यकता है।
source – down to earth